सांस की नली में संक्रमण का खतरा बढ़ा
पिछले छह महीनों में वायरस के पैटर्न में भारी बदलाव आया है। डॉक्टर ने कहा कि आमतौर पर हम इन्फ्लूएंजा को नंबर एक वायरस के रूप में देखते हैं, जो इस बीमारी का कारण बन सकता है। इस बार अस्पताल में भर्ती मरीजों में इन्फ्लुएंजा वायरस सबवैरिएंट H3N2 के मामले देखे गए हैं, जिसमें श्वसन पथ के संक्रमण का खतरा बढ़ गया है।
श्वसन तंत्र और आंखों को करते हैं प्रभावित
डॉक्टरों ने एडेनोवायरस की गंभीरता की ओर इशारा करते हुए कहा कि यह एक और वायरस है, जो गंभीर बीमारी को जन्म दे रहा है। उन्होंने कहा कि पिछले दो महीनों में आईसीयू में मरीजों की संख्या बढ़ने का कारण एडेनो वायरस था। एडेनोवायरस के बारे में बात करते हुए डॉक्टर ने कहा कि डीएनए वायरस मुख्य रूप से श्वसन तंत्र और आंखों को प्रभावित करता है और कोविड की तरह फैलता है।
वायरस से 10 साल के बच्चों को खतरा
बच्चों में एडेनोवायरस आमतौर पर श्वसन और आंत्र पथ के संक्रमण का कारण बनता है। डॉक्टरों ने कहा कि दो साल के बच्चों को संक्रमण का सबसे ज्यादा खतरा होता है और दो से पांच साल की उम्र के बच्चों को भी संक्रमण का सबसे अधिक खतरा होता है। पांच से दस साल की उम्र के बच्चों के भी इस संक्रमण की चपेट में आने की संभावना है। डॉक्टर ने बताया कि 10 साल से ज्यादा उम्र के बच्चों में इस वायरस से संक्रमित होने का खतरा कम होता है। उन्होंने कहा कि सावधानी बरतनी चाहिए क्योंकि ज्यादातर मामलों का इलाज घर पर ही किया जा सकता है।