बता दें, बीते दिनों मुंबई से भारतीय नौसेना ने ALH ध्रुव से उड़ान शुरू की थी, लेकिन फिर अचानक से हेलीकॉप्टर की इमरजेंसी लैंडिंग की स्थिति बन आई। हालांकि ऐसे में सवार जवानों के ऊपर कोई आंच नही आई। वहीं नौसेना ने घटना की जांच करने के आदेश दे दिए है। सेना के तीनों अंगों के लिहाज से हेलीकॉप्टर मिशन में एएलएच ध्रुव खासा महत्व रखता है। वहीं एचएएल के अधिकारियों का मानना है कि कंपनी ने सुरक्षा की दृष्टि से ये मुनासिब कदम उठाया है। साथ ही ये सुनिश्चित करने के लिए ग्राहकों के साथ एकजुट होकर काम किया जा रहा है, जिससे एक बार फिर से हेलीकॉप्टर उड़ान भर सके।
1984 में इसे डिजाइन किया गया था
बता दें कि हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (ALH) ध्रुव को नवंबर 1984 में डिजाइन किया था। वहीं ध्रुव साल 2002 में सेवा में आया। इसे खासतौर पर आर्म्ड और नागरिक दोनों की जरूरतों को पूरा रखने के लिए डिजाइन किया गया था। प्राप्त जानकारी के अनुसार इसमें कुल 12 लोग बैठ सकते हैं। बता दें, कि इसे दो पायलट उड़ाते हैं। आपको जानकार यह दिलचस्प लगेगा कि ये 290 किमी प्रति घंटे की अच्छी खासी स्पीड से चलता है और साथ ही ये 625 किमी तक की ऊंचाई तक उड़ान भरने की क्षमता रखता है।