करोड़ों बजरंगबली भक्तों की भावनाओं का अपमान
बता दें कि कानूनी नोटिस में लिखा है कि इस घोषणा पत्र से बजरंगबली के करोड़ों भक्तों की भावनाओं को ठेस पहुंची है। इसके साथ ही नोटिस में यह भी कहा गया है कि अगर 14 दिन के भीतर एक अरब रुपये का मानहानि मुआवजा नहीं दिया गया तो मामला अदालत में जाएगा जिसके बाद एक अरब रुपये के अलावा दस लाख रुपये का दावा किया जाएगा।
कांग्रेस ने पीएफआई और बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने का वादा किया
बता दें कि कांग्रेस ने कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए अपने घोषणापत्र में सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने के मामले में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया और बजरंग दल जैसे संगठनों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का वादा किया है। बीते मंगलवार से कांग्रेस बजरंग दल पर निशाना साध रही है।
घोषणापत्र में बजरंग दल का मुद्दा क्यों शामिल?
कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक, जब घोषणा पत्र तैयार किया जा रहा था, तब एक विचार तैर रहा था कि कानून और न्याय अध्याय बिना नाम लिए समाज में नफरत फैलाने वाले संगठनों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई का वादा करें। हालांकि, बाद में एक केंद्रीय नेता ने घोषणापत्र समिति के एक वरिष्ठ सदस्य को इसे संतुलित रखने के लिए पीएफआई और बजरंग दल जैसे नाम लिखने का सुझाव दिया। नतीजतन, नेता के अनुरोध को स्वीकार कर लिया गया, जिसके बाद कांग्रेस के घोषणापत्र में बजरंग बली और पीएफआई के नाम शामिल किया गया।