गोविंदगढ़ की विवाह समिति ने दिया आदेश
यह फैसला गोविंदगढ़ की एक संस्था ने लिया है। समिति की बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया है कि क्लीन शेव कुंवारा लड़के यानी दुल्हों को शादी में शामिल होने का मौका मिलेगा। अगर दुल्हे ने क्लीन शेव नहीं कराई है तो उसे मंडप से वापस भेजा जायेगा। उसके बाद 30 मार्च को होने जा रहे सामूहिक विवाह समारोह में इसका पालन अनिवार्य कर दिया गया है। यानी शादी में क्लीन शेव दुल्हन ही शामिल होगें।
शादी के फंक्शन में क्लीन शेव दुल्हों की एंट्री
श्री क्षत्रिय कुमावत सामूहिक विवाह समिति के सभी सदस्यों ने विवाह पर सहमति व्यक्त की है। उसके बाद ही आदेश की घोषणा की गई है। इस आदेश के मुताबिक अब सिर्फ क्लीन शेव मुंडा यानी दुल्हो को ही शादियों में शामिल होने की इजाजत है। मेनेजमेंट ने इसके पीछे भारतीय सनातन की परंपराओं को रखा है। उनका कहना है कि हिंदू विवाह संस्कार में विवाह की रस्म शास्त्रों के अनुसार संपन्न की जाती है।
लेकिन फैशन के इस दौर में लोग अपने रीति-रिवाजों को छोड़कर एक-दूसरे की आंख मूंदकर नकल करते हैं। ऐसे में युवाओं तक यह संदेश पहुंचाने की कोशिश की जा रही है कि जब शादी पौराणिक रीति से हो तो परंपराओं का भी उसी के अनुसार पालन किया जाए।