भारत के 10 प्रमुख शहरों में रोज सात प्रतिशत मौतें वायु प्रदूषण की वजह से होती है। यह मौतें वायु प्रदूषण में पीएम 2.5 सांद्रता के कारण होती है। ‘द लैंसेट’ प्लैनेटरी हेल्थ जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, बेंगलुरु, चेन्नई, दिल्ली, हैदराबाद, कोलकाता, मुंबई, पुणे, शिमला और वाराणसी सहित शहरों के डेटा का विश्लेषण किया गया। इससे पता चला कि PM2.5 का स्तर, छोटे प्रदूषक जो फेफड़ों और रक्तप्रवाह में गहराई तक प्रवेश कर सकते हैं, 99.8 प्रतिशत दिनों में WHO की 15 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर की सुरक्षित सीमा से अधिक हो गए।