खड़गे के सामने वोटों की गिनती होगी
निरीक्षक मत पेटी को कांग्रेस आलाकमान के पास ले जाएगा और खड़गे के सामने खोलकर मतगणना करेगा। आधिकारिक वोट प्राप्त करने वाले नेता का नाम गुप्त रखा जाएगा, क्योंकि मतदान केवल वोट सुनिश्चित करने के लिए किया गया था। सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार को आज शाम तक दिल्ली बुलाया गया है। चर्चा के बाद मंगलवार या बुधवार तक फैसला लिया जाएगा। सूत्रों के मुताबिक गुरुवार को नए मुख्यमंत्री और 30 कैबिनेट सदस्य शपथ ले सकते हैं।
सिद्धारमैया का फॉर्मूला
सूत्रों के मुताबिक, सिद्धारमैया ने सत्ता बंटवारे की सिफारिश की और कहा कि उन्हें पहले 2 साल के लिए मुख्यमंत्री बनाया जाएगा और अगले 3 साल के लिए डीके शिवकुमार को सीएम की कुर्सी दी जाएगी। सिद्धारमैया ने कहा, ‘क्योंकि उनकी उम्र अधिक है, वह कम से कम 2024 के लोकसभा चुनाव तक पहले चरण में सरकार चलाना चाहते हैं। इसलिए शिवकुमार ने सिद्धारमैया के राजस्थान और छत्तीसगढ़ का प्रभार देने के इस फॉर्मूले को खारिज कर दिया।
डीके का पलड़ा इस वजह से मजबूत
दोनों नेताओं ने एक-एक विधायक से समर्थन मांगा। हाईकमान के लिए बड़ी चुनौती यह है कि सिद्धारमैया को फिर से कैसे मनाया जाए और अगर डीके को विधायक दल का नेता चुना जाता है तो उन्हें क्या जिम्मेदारी दी जाए। शिवकुमार का पलड़ा इसलिए भी मजबूत है, क्योंकि पिछले तीन साल में उनके द्वारा किए गए प्रयासों से पार्टी अच्छी तरह वाकिफ थी।
अगर डीके शिवकुमार को सीएम नहीं बनाया गया तो कैडर में गलत संदेश जाएगा। क्योंकि उन्होंने पार्टी के एक वफादार सिपाही के रूप में अपनी मजबूत छवि बनाई है। यहां डीके के सांगठनिक कौशल को प्राथमिकता देना है या सिद्धारमैया के प्रशासनिक कौशल को प्राथमिकता। हाईकमान के लिए किसी चुनौती से कम नहीं होगा।