इस महीने की शुरुआत में मलिक ने राम माधव के बारे में विवादास्पद टिप्पणी की थी। उन्होंने कहा था कि जम्मू कश्मीर के राज्यपाल रहते उनके पास अंबानी से जुड़ी दो फाइलें आई थी, जो कि गैर कानूनी कामों से जुड़ी थी। उन फाइलों पर साइन करने के बदले उन्हें 300 करोड़ रुपये देने की बात कही गई थी। इसे राम माधव ने अपमानजनक माना था। राम माधव ने कानूनी नोटिस जारी कर माफी मांगने और बयान वापस लेने की मांग की थी। इसमें कहा गया था कि अगर वह माफी नहीं मांगेंगे तो उन्हें कानूनी कार्रवाई के लिए तैयार रहना चाहिए। वहीं मलिक ने कहा कि वह अपने बयान पर अडिग हैं, क्योंकि यह बयान पूरी तरह सही हैं।
आरएसएस ने भी माधव के बयान का किया समर्थन
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि मलिक और माधव के बीच यह गतिरोध एक बड़े संघर्ष में बदल सकता है। मलिक के माफी मांगने से इनकार करने पर आरएसएस नेता ने कानूनी कार्रवाई करने की बात कही है। दूसरी ओर, आरएसएस ने भी माधव को अपना पूर्ण समर्थन दिया है। आरएसएस का कहना है कि कुछ लोग ने संगठन की छवि को धूमिल करने का प्रयास किया है, इसकी वह निंदा करते हैं।