वहीं ये नियम 30 अप्रैल तक सख्ती से लागू रहेगा। अमितेश कुमार का कहना है कि ये खास निर्णय 19-20 मार्च को आयोजित होने वाली G-20 शिखर सम्मेलन और बैठकों को ध्यान में रखकर लिया गया है। पुलिस प्रमुख ने इस चीज को रेखांकित किया कि तमाम अधिकारी आपत्तिजनक कार्यों में भी शामिल होने लगे हैं, जोकि जबरजस्ती लोगों को पैसे देने के लिए दबाव डालते हैं। अमितेश ने आगे बताया कि भिखारी यातायात को सही ढंग से संचालित करने में भी रोड़े अटकाते हैं।
दोषी पाए जाने पर होगी जेल
आपको बता दें कि नागपुर पुलिस के प्रमुख ने इस अहम बदलाव को लागू करते हुए लोगों को बताया कि अगर कोई भी शख्स सार्वजनिक स्थान पर किसी से भीख मांगते नजर आता है तो ऐसे में उसे 1 से 6 महीने तक की समय अवधि के लिए जेल में भेजा जाएगा। उनका कहना था कि मौजूदा परिस्थितियों को ध्यान में रखकर कानून की अन्य धाराओं को लागू करने की योजना है।
ट्रांसजेंडरों पर बैन लग चुका है बैन
इससे पूर्व अमितेश ने ट्रांसजेंडरों को सार्वजनिक स्थानों पर चंदा मांगने पर रोक लगाई थी। जैसे कि ट्रैफिक सिग्नल पर भीख मांगने से रोकने के लिए सीपीआरसी की धारा 144 लगाई थी। इससे उन्हें शादी या कुछ ऐसे जगहों पर चंदा मांगने पर पाबंदी लगाई गई थी, जबकि बाद में पुलिस प्रमुख ने इन नियमों में कुछ ढील दी थी। उनका कहना है कि अगर कोई ट्रांसजेंडर आमंत्रण भेजता है तो वो बेशक ऐसे स्थानों पर जा सकते हैं।
इस वजह से फैसला लिया गया
अमितेश कुमार ने बीते बुधवार को बताया कि सड़कों पर भिखारियों की मौजूदगी दर्ज होने से शहर का नाम और उसकी छवि खराब होती जा रही है। उनका कहना था कि वाहन चालकों से भीख न मिलने पर वे उपद्रव मचाते हैं। यही नहीं, भिखारी पैदल चलने वालों को भी नहीं बख्श रहे। ये लोग ट्रैफिक लाइटों और सड़क के डिवाइडरों और फुटपाथ पर अनाधिकृत रूप से कब्जा जमा लेते हैं।