बता दें, 1952 में देश में तेंदुए को विलुप्त घोषित कर दिया गया था। महाद्वीप के तेंदुए भारत सरकार के एक महत्वाकांक्षी कार्यक्रम का हिस्सा था। ये जानवर विलुप्त थे। 7 दशक बाद उन्हें देश वापस लाया गया है। देश की अंतिम मादा चीता की मृत्यु 1947 में वर्तमान छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले में हुई थी। इसके बाद इस प्रजाति को 1952 में विलुप्त घोषित कर दिया गया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी हुए खुश
कुनो नेशनल पार्क से यह खुशखबरी पाकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी खुश नजर आए। प्रधानमंत्री ने ट्वीट कर अपनी खुशी जाहिर की। बता दें, 22 जनवरी को मादा चीता साशा की किडनी की बीमारी से मौत हो गई थी। उन आठ अफ्रीकी चीतों को कूनो नेशनल पार्क लाया गया। इसमें तीन नर और पांच मादा शामिल हैं, जिसमें एक मादा चीता की मौत हो गई।
किडनी की बिमारी से पीड़ित थी साशा
पांच वर्षीय मादा चीता साशा किडनी के संक्रमण से पीड़ित थी। 22 जनवरी को पता चला कि वह किडनी की बीमारी से पीड़ित हैं। कहा जा रहा है कि भारत की धरती पर आने से पहले ही वह किडनी की बीमारी से पीड़ित थीं। नामीबिया में भी उसका ऑपरेशन हुआ था, लेकिन इस बात को छुपाया गया। 22-23 जनवरी को बीमारी के लक्षण देखे गए थे। इसके बाद उन्हें बड़े बाड़े से छोटे बाड़े में शिफ्ट कर दिया गया। साशा खाना नहीं खा रही थी और सुस्त थी।