कौन थे डॉ. मारियो मोलिना?
डॉ. मारियो मोलिना का पूरा नाम मारियो जोस मोलिना हेनरिकेज हैं। उनका मेक्सिको सिटी में 19 मार्च, 1943 के दिन जन्म हुआ था। उनको बचपन से ही विज्ञान में बेहद रुचि थी, इसलिए उन्होंने अपने बाथरूम को ही लेबोरेटरी बना दिया था। नोबेल पुरस्कार विजेता डॉ. मारियो मोलिना ने केमिकल इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन किया था। ग्रेजुएशन के बाद जर्मनी के फ्रीबर्ग विश्वविद्यालय से एडवांस्ड डिग्री के लिए पढाई की है। पढ़ाई खत्म करने के बाद पोस्ट डॉक्टोरल रिसर्च के लिए अमेरिका गए थे।
क्लोरोफ्लोरोकार्बन पर विशेष अध्ययन किया था
मारियो 1970 के दशक की शुरुआत में सिंथेटिक कैमिकल के कारण पृथ्वी का वायुमंडल किस तरह से प्रभावित होता है, उस पर रिसर्च कर रहे थे। क्लोरोफ्लोरोकार्बन के कारण अल्ट्रावॉयलेट किरण पृथ्वी पर आ रही थे, इस बारे में भी सबसे पहले डॉ. मारियो मोलिना ने ही पता लगाया था। क्लोरोफ्लोरोकार्बन की बात की जाए तो यह AC, एरोसोल स्प्रे और अन्य चीजों में पाया जाने वाला कैमिकल है। डॉ. मारियो मोलिना और अन्य रिसर्चर के इस खोज के बारे में नेचर जर्नल में आर्टिकल प्रकाशित भी हुआ था। इसके बाद इन दोनों रिसर्चर को कैमिकल विज्ञान में नोबेल पुरस्कार दिया गया था। इसके बाद ओजोन लेयर को नुकसान पहुंचाने वाले कैमिकल पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। 3 साल पहले 7 अक्तूबर 2020 के दिन डॉ. मारियो मोलिना को दिल का दौरा पड़ने से 77 साल की आयु में उनका निधन हो गया था