कर्नाटक सरकार ने उद्योग जगत के भारी विरोध के बाद निजी क्षेत्र में स्थानीय लोगों के लिए आरक्षण अनिवार्य करने वाले विधेयक को फिलहाल रोक दिया है। राज्य विधानसभा में पेश करने से पहले सरकार इस विधेयक पर दोबारा विचार करेगी। इस विधेयक में निजी क्षेत्र में 50 प्रतिशत प्रबंधन पदों और 75 प्रतिशत गैर-प्रबंधन पदों पर कन्नड़ लोगों की नियुक्ति का प्रस्ताव था।