अब बाबा विश्वनाथ के स्पर्श दर्शन के लिए पैसे लेने का मामला चर्चा में है। इसी बीच श्री काशी विश्वनाथ मंदिर की दान रसीद सामने आई है। 500 रुपए की दान रसीद पर भक्त का नाम लिखा होता है। यह डोनेशन देने वाले अजय शर्मा का कहना है कि उन्होंने स्पर्श दर्शन के लिए डोनेशन दिया और फिर उन्होंने दर्शन किए और उन्हें किसी ने नहीं रोका।
दूसरी ओर, इस दावे के खिलाफ मंदिर प्रशासन का कहना है कि ऐसी कोई व्यवस्था लागू नहीं की गई है। मंदिर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुनील कुमार वर्मा ने कहा कि यह कर्मचारी की मानवीय भूल है और इसकी जांच की जा रही है। यह टिकट नहीं, बल्कि दान की रसीद है।
स्पर्श दर्शन के लिए कोई शुल्क नहीं
वाराणसी के आयुक्त कौशल राज शर्मा ने कहा है कि मंदिर न्यास परिषद की 104वीं बैठक में दर्शन दर्शन के प्रभार के मुद्दे पर चर्चा हुई। लेकिन फिलहाल इसे लागू करने का कोई फैसला नहीं लिया गया है और न ही ऐसी कोई व्यवस्था फिलहाल की गई है। बाबा विश्वनाथ के स्पर्श दर्शन की बात पूरी तरह गलत है।
प्रतिदिन दो घंटे की व्यवस्था
गौरतलब है कि बाबा के स्पर्श दर्शन के लिए पहले से ही सुबह-शाम 1-1 घंटा समय दिया जाता है। यह व्यवस्था लगातार चलती रहती है और शिव भक्त इस समय में बाबा के दर्शन-पूजन और जलाभिषेक कर सकते हैं।