विदेश मंत्रालय ने शनिवार को जानकारी दी थी कि भारत और मलेशिया अब अन्य मुद्राओं के साथ भारतीय रुपये में भी व्यापार कर सकेंगे। जबकि 31 मार्च को घोषित नई विदेश व्यापार नीति में डॉलर की जगह रुपये में विदेशी व्यापार बढ़ाने पर जोर देने की बात कही गई है।
आरबीआई ने पिछले साल दी थी मंजूरी
वर्तमान मोदी सरकार रुपये को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा के रूप में मान्यता देने के लिए कड़ी मेहनत कर रही है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने पिछले साल ही भारतीय मुद्रा के साथ विदेशी व्यापार की अनुमति दी थी। आरबीआई ने यह मंजूरी पिछले साल जुलाई में दी थी। विदेश मंत्रालय द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, भारत और मलेशिया के बीच डॉलर या किसी अन्य विदेशी मुद्रा में व्यापार का विकल्प रुपये में भी खुला है। हाल ही में भारत ने कई देशों के साथ रुपए में व्यापार करने की पहल की है।
व्यापार सुगम होगा, व्यापार में वृद्धि होगी
विदेश मंत्रालय का मानना है कि रुपये में कारोबार करने से भारत के विदेश व्यापार में आसानी होगी। साथ ही व्यापार में भी वृद्धि होगी। इसके साथ ही आरबीआई की इस पहल का एक और बिंदु भारतीय रुपये को वैश्विक व्यापार समुदाय में एक मजबूत मुद्रा के रूप में स्थापित करना है। इंडिया इंटरनेशनल बैंक ऑफ मलेशिया (IIBM) ने रुपये में व्यापार के लिए कुआलालंपुर, मलेशिया में एक विशेष रुपया वेस्ट्रो खाता खोला है। खाता IIBM के भारतीय सहयोगी बैंक, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया (UBI) की मदद से खोला गया है। वोस्ट्रो खाते का उपयोग भारतीय मुद्रा में भुगतान करने के लिए किया जाएगा