इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन ने वित्त वर्ष 2022-23 में 724 लाख टन कच्चा तेल रिकॉर्ड किया है। इंडियन ऑयल जैसी रिफाइनरियां भारत की आर्थिक गतिविधियों में किसी भी सुधार का प्रत्यक्ष लाभार्थी रही हैं। पेट्रोलियम प्लानिंग एंड एनालिसिस सेल (पीपीएसी) की फरवरी की खपत रिपोर्ट के अनुसार, आर्थिक गतिविधियों में तेजी, सीएनजी की कीमतों में उतार-चढ़ाव के कारण पेट्रोल की खपत में बदलाव और पर्यटन केंद्रित राज्यों में उच्च मांग ने पेट्रोल की मांग को बढ़ाया है।
बुनियादी ढ़ांचों में वृद्धि के कारण सीमेंट की मांग बढ़ी
बुनियादी ढांचे पर भारत का खर्च लगातार बढ़ रहा है। फरवरी में नवीनतम बजट घोषणा के साथ इस पूंजीगत व्यय को 10 लाख करोड़ रुपये रखा गया है। शहरी आवास गतिविधि में भी तेजी आई है, जिसके परिणामस्वरूप भारत की सबसे बड़ी सीमेंट निर्माता कंपनी अल्ट्राटेक सीमेंट ने मांग बढ़ने के कारण वित्तीय वर्ष 2023 में 10 करोड़ टन से अधिक ग्रे सीमेंट का निर्यात किया है। चालू वित्त वर्ष में भी अल्ट्राटेक सीमेंट और अन्य सीमेंट कंपनियों की मांग बढ़ने की उम्मीद है। वित्त वर्ष 2024 में 7% की अनुमानित वृद्धि के साथ सीमेंट की मात्रा 41.6 करोड़ टन होने का अनुमान है। जबकि इंडियन ऑयल के पेट्रोलियम उत्पादों की बाजार हिस्सेदारी पिछले साल के 40.8 फीसदी से बढ़कर वित्त वर्ष 2023 में 42.9 फीसदी हो गई है।
बुनियादी ढांचे और एनर्जी की मांग में भी वृद्धि
भारत के खनन खंड में बुनियादी ढांचे और एनर्जी की मांग में भी वृद्धि देखी गई है। कोल इंडिया और हिंदुस्तान जिंक दोनों ने वित्त वर्ष 2023 में रिकॉर्ड माइनिंग हासिल की है। कोल इंडिया ने वित्त वर्ष 2023 में 70 करोड़ टन के उत्पादन का आंकड़ा पार कर लिया है। इस उत्पादन में एक साल में सबसे ज्यादा 8.10 करोड़ टन की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। हिंदुस्तान जिंक ने भी वित्त वर्ष 2023 में 8,21,000 टन जिंक का उत्पादन दर्ज किया है, जिसे स्टील उत्पादों की मांग में बढ़ोतरी के जरिए देखा गया है। स्टील भारत में तेजी से बढ़ते इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर के परिणामस्वरूप विशेष रूप से गैल्वेनाइज्ड स्टील की मांग में वृद्धि हुई है।