चांद का आकार हसियाकार था
वहीं मुस्कुराते हुए चंद्रमा के नीचे सौरमंडल के सबसे चमकीले ग्रह शुक्र ने लोगों का बढ़-चढ़कर आकर्षण खींचा। जो कोई भी इस दृश्य को देख रहा था, वो खुद को फोटो और वीडियो बनाने से रोक ना सका। इससे पहले लोगो ने चांद को इस अंदाज में नही देखा। यही वजह है कि लोगों के लिए चांद के साथ तारे की मौजूदगी अपने आप में बेहद खास थी। वहीं नेशनल अवॉर्ड प्राप्त प्रसारक सारिका घारु का कहना था कि इसमें से विनस अट्ठारह करीब 18 करोड़ 52 लाख किलोमीटर की दूरी पर था और ये माइनस 3.98 मैग्निट्यूड से अपनी चमक बिखेर रहा था। वहीं चंद्रमा की दूरी का जिक्र करें तो ये लाख 79 हजार किलोमीटर की दूरी पर था।
पृथ्वी और शुक्र एक-दूसरे से मीलों दूर
इतने दूर रहने के बावजूद भी ये 10 प्रतिशत चमक के साथ आकाश में अपनी खूबसूरती बिखेर रहा था। सारिका घारु का कहना था कि दूरी में इस कदर बड़ा फासला होने के बावजूद इनका कोंण पृथ्वी से देखने पर कुछ इस कदर था कि वो जोड़ी बनाते दिख रहे थे। जबकि असल में पृथ्वी और शुक्र ग्रह एक दूसरे से मिलो दूर है लेकिन वो एक सममित रेखा में एक साथ ही संरेखित करते हैं।
हजारों लोगों ने इस दृश्य को देखा
वहीं इस दृश्य को देखने वाले सैकड़ों हजारों की तादात में जिज्ञासु इस घटना को एक पहेली समझ रहे हैं। बता दे कि जैसे-जैसे खगोलीय पिंड एक दूसरे के पास चले गए ये संयोजन एक दुर्लभ दृश्य के रूप में दुनिया के तमाम हिस्सों में नजर आ रहा था।