भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 504 के तहत राहुल गांधी को दोषी करार दिया गया है और दो साल की कैद की सजा सुनाई गई है। हालांकि उन्हें जमानत पर रिहा किया गया है। अब वे निचली अदालत के इस फैसले के खिलाफ ऊपरी अदालत में जाएंगे। वहीं, जनप्रतिनिधि कानून यह कहता है कि अगर किसी संसद सदस्य को दो साल की सजा काटनी पड़ती है तो उनकी सदस्यता खत्म हो सकती है। हालांकि राहुल गांधी के पास ऊपरी अदालत में जाने का समय मिलेगा। बता दें, राहुल गांधी केरल के वायनाड से सांसद हैं।
सुनवाई बीते शुक्रवार को हुई थी
गुजरात मोढ वणिक समाज के नेता, भाजपा विधायक और पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने सूरत में कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मुकदमा दायर किया था। उन्होंने आरोप लगाया कि राहुल गांधी ने अपनी टिप्पणियों से पूरे मोदी समुदाय की गरिमा को ठेस पहुंचाई है। उसकी शिकायत पर सूरत शहर के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी एचएच वरमानी की अदालत में लंबी सुनवाई हुई। पिछले शुक्रवार को इस मामले में अंतिम सुनवाई के बाद कोर्ट ने संभावित फैसले के लिए 23 मार्च की तारीख तय की थी।
राहुल गांधी के खिलाफ क्या था मामला?
2019 लोकसभा चुनाव के दौरान की यह घटना है, जिसमें राहुल गांधी कर्नाटक में चुनाव प्रचार कर रहे थे। चुनावी सभा में राहुल गांधी ने मोदी के सरनेम को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। राहुल गांधी ने नीरव मोदी और ललित मोदी का जिक्र करते हुए कहा था कि हर चोर का सरनेम ‘मोदी’ क्यों होता है? इस भाषण के बाद सूरत पश्चिम के विधायक पूर्णेश मोदी ने मानहानि का मुकदमा दायर किया था। पूर्णेश मोदी ने सूरत में राहुल गांधी के खिलाफ मामला दायर करते हुए कहा कि इससे समाज की भावनाएं आहत हुई है।