रूसी जेट और अमेरिकी एमक्यू-9 रीपर ड्रोन मंगलवार को काला सागर के ऊपर आपस में भिड़ गए। सीएनएन के दौरान एक रूसी जेट ने एक अमेरिकी ड्रोन के प्रोपेलर को क्षतिग्रस्त कर दिया। यह घटना तब हुई जब अमेरिकी रीपर ड्रोन और दो रूसी एसयू-27 लड़ाकू विमान काला सागर के ऊपर अंतरराष्ट्रीय जलक्षेत्र में चक्कर लगा रहे थे। सीएनएन ने अमेरिकी अधिकारियों के हवाले से बताया कि इसी बीच एक रूसी जेट ने जानबूझकर अमेरिकी ड्रोन के सामने उड़ान भरी और जेट से तेल लीक होने लगा। इसी दौरान एक जेट ने ड्रोन के प्रोपेलर को क्षतिग्रस्त कर दिया। यह प्रोपेलर ड्रोन के पिछले हिस्से से जुड़ा था। प्रोपेलर क्षतिग्रस्त होने के बाद अमेरिकी सेना को ड्रोन को काला सागर में फेंकने के लिए मजबूर होना पड़ा।
ध्यान दें कि एक प्रोपेलर एक ड्रोन पंखे की तरह होता है, जब इसके ब्लेड घूमते हैं, तो यह जोर पैदा करता है और ड्रोन को उड़ने में मदद करता है। काला सागर पानी का एक पिंड है जो रूस और यूक्रेन की सीमा बनाता है। यूक्रेन युद्ध के कारण पिछले कई महीनों से यह क्षेत्र सैन्य तनाव में है। गौरतलब है कि यूक्रेन युद्ध के दौरान रूसी और अमेरिकी विमान काला सागर के ऊपर उड़ान भरते रहे हैं, लेकिन ऐसा पहली बार हुआ है जब दोनों देशों के युद्धक विमानों का ऐसे हालात में आमना-सामना हुआ हो।
घटना पर आई अमेरिकी की प्रतिक्रिया
इस घटना पर अमेरिकी वायुसेना ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। अमेरिकी वायु सेना ने कहा है कि दो रूसी Su-27 विमानों ने अमेरिकी वायु सेना की निगरानी और टोही मानव रहित MQ-9 ड्रोन को असुरक्षित और अव्यवसायिक तरीके से रोका। घटना तब हुई जब अमेरिकी ड्रोन अंतरराष्ट्रीय सीमा के अंदर उड़ रहा था। अमेरिकी सेना ने कहा कि रूसी सेना के ये आक्रामक कदम खतरनाक हैं और दोनों देशों के बीच तनातनी को बहुत बढ़ा सकते हैं।