सहारा-सेबी विवाद में 24 हजार करोड़ के फंड पर सरकार की याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है। दरअसल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की थी। इस याचिका में सरकार ने सहारा-सेबी के कुल 24,000 करोड़ के फंड में से 5,000 करोड़ तत्काल आवंटित करने की मांग की थी, ताकि सरकार निवेशकों को उनका पैसा लौटा सके। अब सरकार की अर्जी मंजूर होने के बाद करीब 1.1 करोड़ निवेशकों के लिए अपना पैसा पाने का रास्ता साफ हो गया है। वहीं सहारा के लिए भी मुसीबत खड़ी हो गई है।
सेबी ने भी 6.57 करोड़ रुपये वसूले
सहारा के एक करोड़ निवेशकों को बड़ी राहत देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि निवेशकों द्वारा जमा कराए गए 24,000 हजार करोड़ रुपये में से 5,000 करोड़ रुपये तुरंत लौटाए जाएं। इससे पहले कल, बाजार नियामक सेबी ने सहारा समूह की एक रियल एस्टेट कंपनी से 6.57 करोड़ वसूले थे। दरअसल ये बकाया ग्रुप हेड सुब्रत रॉय और अन्य डिफॉल्टर्स से वसूला गया है।
क्या है पूरा विवाद
पूरा घोटाला सहारा ग्रुप की दो कंपनियां सहारा हाउसिंग कॉर्पोरेशन लिमिटेड और सहारा इंडिया रियल एस्टेट कॉर्पोरेशन से जुड़ा है। मामला 30 सितंबर 2009 को उठा, जब सहारा ने IPO के लिए सेबी में आवेदन किया और गलत तरीके से निवेशकों से 24000 करोड़ की रकम जुटा ली। सेबी ने इसमें कई खामियां पाई। इसके बाद इसकी जांच की गई। मामला सामने आने के बाद सेबी ने सहारा की दोनों कंपनियों को पैसा न जुटाने का आदेश दे दिया और कहा कि निवेशकों को उनका पैसा 15 फीसदी ब्याज के साथ लौटाया जाए।