चीनी शहर वुहान में कोविड-19 का पता चला था। इसके लिए तीन साल से अधिक समय हो गया है। फिर भी यह रहस्य बना हुआ है कि यह पहली बार कहां से आया था। वहीं, हाल ही में दावा किया गया था कि कोरोना वायरस चीन की एक लैब से लीक हुआ है। इस बीच, एफबीआई निदेशक क्रिस्टोफर रे ने कहा कि कोविड-19 चीनी सरकार के अधीन एक लैब से लीक हुआ है। वैज्ञानिकों को संदेह है कि कोरोना वायरस मध्य चीन में स्थित वुहान शहर की एक लैब से फैला है। यही वह जगह है जहां से वायरस फैलने का पहला मामला सामने आया था।
वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (WIEV) एक दशक से अधिक समय से चमगादड़ों में कोरोना वायरस का अध्ययन कर रहा है। संस्थान वुहान वेट मार्केट से 40 मिनट की ड्राइव पर है, जहां संक्रमण का पहला समूह उभरा था। इस तरह कहा जा सकता है कि कोरोना वायरस चीन की एक लैब से लीक हुआ था, जो सरकार की निगरानी में काम करती थी।
69 लैब में खतनाक किस्म के वायरस रखे गए हैं
एक रिपोर्ट के मुताबिक 27 देश ऐसे हैं जहां लैब के अंदर केमिकल टेस्टिंग की मदद से खतरनाक वायरस तैयार किए जाते हैं। इस पर डॉ. फिलिप और डॉ. ग्रेगरी की रिपोर्ट में खतरनाक वायरस वाले लैब को लेकर आगाह किया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया में कुल 69 लैब हैं। इनमें से 51 लैब चल रही हैं, जबकि 15 शुरू होने को तैयार हैं। ऐसी लैब को बीएसएल-4 कहा जाता है। इन लैब में खतरनाक किस्म के वायरस बनाए जाते हैं और सुरक्षित रखे जाते हैं।