फैक्ट नंबर 1
1790 के दशक में महिलाओं के कपड़ों में जेब नहीं होती थी, क्योंकि उस समय महिलाओं के कपड़े इतने टाइट होते थे कि उसमें जेब नहीं बन सकती थी और उस समय महिलाओं के कपड़ों में जेब का प्रचलन भी नहीं था।
फैक्ट नंबर 2
1800 के दशक में महिलाओं के लिए पर्स का प्रचलन शुरू हुआ, जिसे रेटिक्यूल कहा जाता था, लेकिन उस पर्स में रुमाल और कुछ सिक्के ही आते थे।
फैक्ट नंबर 3
पर्स छोटा होने का कारण यह था कि उस समय महिलाएं पैसों के लिए पुरुषों पर निर्भर रहती थी और इस कारण से महिलाओं को पैसों की कोई जरूरत नहीं होती थी।
फैक्ट नंबर 4
20वीं सदी में पहली बार महिलाओं के लिए पेंट का प्रचलन शुरू हुआ, जिसमें पॉकेट आने लगी, लेकिन कुछ ही समय बाद दुनिया में हैंडबैग का प्रचलन ज्यादा चलन में आ गया, जिसके कारण जेबों का आकार समय के हिसाब से छोटा होता गया।
फैक्ट नंबर 5
वहीं कुछ एक्सपर्ट्स का मानना है कि जींस का पॉकेट छोटा होने का कारण क्रॉस कटिंग है, क्योंकि कपड़े की क्रॉस कटिंग के लिए जींस मेकर जींस की पॉकेट छोटी रखते थे, इसलिए महिलाओं के कपड़ों में या जींस में पार्केट होती थी या फिर नहीं होती थी।
फैक्ट नंबर 6
वहीं कुछ एक्सपर्ट्स का मानना है कि लड़कियों के पॉकेट का छोटे होने का राज हैंडबैग और पर्स है, क्योंकि अगर लड़कियों के पॉकेट बड़ी आने लगेगी, तो फिर सामान रखने के लिए हैंडबैग कौन खरीदेगा। इसलिए बड़ी-बड़ी कंपनियां नहीं चाहती की पेंट की पॉकेट बड़ी हो।
लेकिन समय के मुताबिक लड़कियों की ड्रेस में कुछ बदलाव हुए हैं जिसमें पेंट की पॉकेट बड़ी आने लगी है जिसमें…
• स्टाइलिश लुक
यंगस्टर्स के लिए जींस नंबर वन पसंद है, क्योंकि इसे पहनने से कूल के साथ स्टाइलिश लुक भी मिलता है।
• जींस में कई तरह के फैशन
जींस में कई तरह के फैशन आने लगे हैं। चाहे लड़के हों या लड़कियां, दोनों के लिए मार्केट में अलग-अलग डिजाइन के जींस आते हैं, जिसे पहनकर कंफर्टेबल लगता है।