दिल्ली हाई कोर्ट ने माना है कि एक पति द्वारा अपनी पत्नी से घरेलू काम करने की अपेक्षा करना क्रूरता नहीं है। अदालत ने कहा कि यह पहले से ही माना गया है कि यदि एक महिला को घरेलू काम करने के लिए कहा जाता है, तो इसे नौकरानी के काम के बराबर नहीं माना जा सकता है, क्योंकि पति भी वित्तीय दायित्वों को वहन करता है।